दयालु रानी और परी

एक छोटी परी की कहानी

एक बार की बात है, एक छोटी सी लड़की थी जिसका नाम थी रानी। वह एक गरीब किसान की बेटी थी, लेकिन वह बहुत दयालु और दयालु थी। वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहती थी।

एक दिन, रानी जंगल में खेल रही थी जब उसने एक छोटी सी परी को रोते हुए देखा। परी ने रानी को बताया कि वह अपने पंख खो चुकी है और अब वह घर नहीं जा सकती है।

रानी ने परी की मदद करने का फैसला किया। उसने अपनी साड़ी के किनारे से एक पंख का टुकड़ा फाड़ दिया और परी को दिया। परी ने रानी का धन्यवाद किया और अपने पंख को वापस लगा लिया।

परी बहुत खुश थी। उसने रानी को एक जादुई उपहार दिया। उसने कहा, “यह उपहार आपको हमेशा खुश रखेगा।”

रानी ने उपहार लिया और उसे अपने गले में पहन लिया। वह बहुत खुश थी। उसने महसूस किया कि जैसे उसके पास जादू है।

रानी ने अपने उपहार का इस्तेमाल दूसरों की मदद करने के लिए किया। उसने गरीबों को भोजन और कपड़े दिए। उसने बीमारों की देखभाल की। उसने अनाथों को घर दिया।

रानी की दयालुता और करुणा से सभी प्रभावित हुए। उसे “दयालु रानी” के नाम से जाना जाने लगा।

एक दिन, एक बुरा जादूगर आया। उसने रानी के जादुई उपहार को चुरा लिया। रानी बहुत दुखी हुई। उसने महसूस किया कि जैसे वह खो गई है।

बुरे जादूगर ने रानी के उपहार का इस्तेमाल बुराई करने के लिए किया। उसने लोगों को बीमार किया। उसने किसानों की फसलों को नष्ट कर दिया। उसने लोगों को डराना शुरू कर दिया।

रानी ने बुरे जादूगर से लड़ने का फैसला किया। उसने अपने दोस्तों और परिवार की मदद ली। उन्होंने बुरे जादूगर को हराया और रानी का जादुई उपहार वापस ले लिया।

रानी बहुत खुश थी। उसने अपने उपहार का इस्तेमाल लोगों की मदद करने के लिए जारी रखा। वह एक महान शासक बन गई और उसकी दयालुता और करुणा के लिए उसे हमेशा याद किया जाता है।


यह कहानी हमें सिखाती है कि दयालुता और करुणा हमेशा जीतती है।