परी और भिखारी

परी और भिखारी

एक समय की बात है, एक गरीब भिखारी था। वह हर दिन शहर के बाजार में जाता था और लोगों से भीख मांगता था। एक दिन, वह एक सुंदर परी से मिला। परी ने भिखारी से पूछा, “तुम हर दिन यहां क्यों आते हो?”

भिखारी ने कहा, “मैं गरीब हूं। मेरे पास खाने के लिए भी नहीं है।”

परी ने कहा, “मैं तुम्हें मदद कर सकती हूं।”

परी ने अपने जादू का इस्तेमाल करके भिखारी के हाथों में एक जादुई पर्स रख दिया। पर्स में कभी भी खाना और पैसे खत्म नहीं होते थे।

भिखारी बहुत खुश हुआ। वह अब भूखा नहीं रहता था। वह हर दिन बाजार जाता था और लोगों से भीख मांगता था, लेकिन वह केवल उन लोगों से भीख मांगता था जो गरीब थे। वह अपने जादुई पर्स से उन लोगों को भोजन और पैसे देता था।

एक दिन, एक राजा बाजार में आया। वह भिखारी को देखकर हैरान हो गया। उसने भिखारी से पूछा, “तुम कौन हो और तुम यह जादुई पर्स कैसे पाए?”

भिखारी ने राजा को पूरी कहानी बताई। राजा ने भिखारी की दयालुता से प्रभावित होकर उसे अपना मंत्री बना लिया।

भिखारी अब एक मंत्री था। वह गरीबों की मदद करता था और उन्हें न्याय दिलाता था। वह हमेशा खुश रहता था क्योंकि वह दूसरों की मदद कर सकता था।

नैतिक: दयालुता और दूसरों की मदद करने से हमेशा अच्छा होता है।