भूतिया बंगले का रहस्य

आकाश में एक सितारा

एक बार की बात है, एक शहर में एक भूतिया बंगला था। वह बंगला बहुत पुराना और सुनसान था। लोगों का मानना था कि उस बंगले में एक खूनी भूत रहता है, जो रात को बाहर निकलता है और लोगों को मारता है। इसलिए, कोई भी उस बंगले के पास नहीं जाता था।

एक दिन, शहर में एक नया परिवार आया। उनका नाम था शर्मा। उन्हें उस भूतिया बंगले के बारे में कुछ नहीं पता था। उन्होंने उस बंगले को किराए पर ले लिया। उनका परिवार में एक पिता, एक माँ, एक बेटा और एक बेटी थी। उनका बेटा राहुल और बेटी रिया थी।

शर्मा परिवार ने अपना सामान बंगले में रखा और वहां रहने लगे। उन्हें लगा कि वह बंगला बहुत बड़ा और सुंदर है। उन्हें नहीं पता था कि वह बंगला भूतिया है।

पहले दिन तो कुछ नहीं हुआ, लेकिन दूसरे दिन से ही अजीब-अजीब बातें होने लगीं। रात को, राहुल और रिया ने अपने कमरे में एक आवाज सुनी। वह आवाज थी “कौन हो तुम? यह मेरा बंगला है। तुम्हें मार डालूंगा।” राहुल और रिया डर गए। उन्होंने अपने माता-पिता को बुलाया। लेकिन जब वे आए, तो वह आवाज बंद हो गई। उन्होंने राहुल और रिया को समझाया कि वह आवाज कोई नहीं, बस उनका भ्रम था।

अगले दिन, राहुल और रिया ने बंगले का घूमना शुरू किया। उन्हें एक बंद कमरा मिला, जिसका दरवाजा ताले से बंद था। उन्होंने उसे खोलने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं खुला। उन्हें लगा कि उस कमरे में कुछ रहस्य होगा। उन्होंने अपने पिता से पूछा कि वह कमरा किसका है। उनके पिता ने कहा कि वह कमरा बंगले के मालिक का है, जो बाहर गए हुए हैं। उन्होंने उन्हें कहा कि वह कमरा उनके लिए निषिद्ध है, और वहां न जाएं।

राहुल और रिया ने मान लिया, लेकिन उनका मन उस कमरे को देखने का करता था। उन्हें लगता था कि वह कमरा उनके लिए कोई संकेत छुपाता होगा।

रात को, जब सब सो गए, तो राहुल और रिया चुपके से अपने कमरे से निकले, और उस बंद कमरे की ओर बढ़े। उन्होंने देखा कि वह कमरा अब खुला है। उन्होंने सोचा कि शायद बंगले के मालिक आ गए होंगे। उन्होंने हिम्मत करके उस कमरे में प्रवेश किया।

राहुल और रिया ने उस कमरे में प्रवेश किया। वह कमरा बहुत अंधेरा था। उन्होंने अपने मोबाइल की फ्लैश लाइट चालू की। उन्हें देखकर उनका रोंगटे खड़े हो गए। उस कमरे में एक बड़ा सा खूनी भूत था, जो एक कुर्सी पर बैठा था। उसका चेहरा बहुत भयानक था। उसके हाथों में एक बड़ा सा चाकू था। वह राहुल और रिया को देखते ही चिल्लाया, “तुम यहां क्या कर रहे हो? यह मेरा बंगला है। तुम्हें मार डालूंगा।”राहुल और रिया ने उस भूत को देखकर चीखा, और वहां से भागने लगे। लेकिन वह भूत उनके पीछे पड़ गया। वह उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रहा था। राहुल और रिया ने अपने माता-पिता को बुलाने की कोशिश की, लेकिन उनकी आवाज उन तक नहीं पहुंची। वह भूत उन्हें घेरता जा रहा था।राहुल और रिया ने आखिरी उम्मीद में भगवान का नाम लिया, और उस भूत पर अपने मोबाइल की फ्लैश लाइट मारी। उन्हें लगा कि शायद उस भूत को रोशनी से डर लगता होगा। उनका अनुमान सही निकला। जैसे ही उन्होंने उस भूत पर फ्लैश लाइट मारी, तो वह भूत चिल्लाकर गायब हो गया। राहुल और रिया ने यह देखकर एक दूसरे को गले लगाया, और बाहर निकले।वहां पर उनके माता-पिता भी आ गए थे। उन्होंने पूछा कि वे यहां क्या कर रहे हैं, और उन्हें वहां से बाहर ले गए। राहुल और रिया ने उन्हें सब कुछ बताया, कि उन्होंने उस बंद कमरे में एक भूत देखा, और वह उन्हें मारने की कोशिश कर रहा था। उनके माता-पिता ने उन्हें विश्वास दिलाया, कि वह भूत अब उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकता है, और उन्हें अपने साथ ले गए।अगले दिन, शर्मा परिवार ने उस भूतिया बंगले को छोड़कर दूसरा घर ढूंढ लिया। उन्होंने उस बंगले के मालिक को फोन करके सब कुछ बताया, और उन्हें गाली दी। उस बंगले के मालिक ने भी उन्हें गाली दी, और उन्हें झूठा बताया। वह कहने लगा, कि वह भूत उसका भाई है, जो उस बंगले में रहता है। वह कहने लगा, कि वह भूत उन्हें कुछ नहीं करता है, बस उन्हें डराता है। वह कहने लगा, कि वह भूत उसके साथ मजाक करता है, और उसे पसंद करता है।शर्मा परिवार ने उस बंगले के मालिक को सुनकर हैरान हो गए। उन्होंने सोचा कि वह बंगले के मालिक भी पागल हो गया है, और उसे भी उस भूत का डर है। उन्होंने उसे फोन काट दिया, और उस बंगले को भूलने की कोशिश की।यह थी