सम्मान की नींव | Bedtime Stories in Hindi

Woman Wearing Yellow Dress Standing Beside Tree

रानी छोटे से गाँव में रहती थी। वह पढ़ने में तेज थी, परंतु उसके परिवार की हालत ऐसी नहीं थी कि वह स्कूल जा सके। रोज़ वह खेतों में काम करने जाती और शाम को दूर से स्कूल की घंटी सुनकर उदास हो जाती। एक दिन, गाँव में एक नया अध्यापक आया, श्री शर्मा। उन्होंने रानी को खेतों में पढ़ते हुए देखा। उसके चेहरे पर जिज्ञासा और उदासी दोनों झलक रहे थे। श्री शर्मा ने उससे बात की और उसके स्कूल न जाने का कारण जाना। रानी ने उन्हें अपनी तकलीफ़ बताई।

श्री शर्मा ने रानी को समझाया कि शिक्षा सबसे बड़ा धन है। उन्होंने उसे रात में पढ़ने के लिए एक लालटेन दी और सुबह स्कूल आने को कहा। रानी खुशी से स्कूल जाने लगी। श्री शर्मा ने रानी के परिवार से बात की और उन्हें समझाया कि शिक्षा से ही रानी का भविष्य उज्ज्वल होगा। रानी के माता-पिता मान गए और उन्होंने रानी को स्कूल जाने की पूरी इजाज़त दे दी।

रानी स्कूल में मेहनत से पढ़ती थी। श्री शर्मा उसके ज्ञान को बढ़ाते रहे और उसकी प्रतिभा को निखारते रहे। रानी जल्द ही कक्षा में सबसे आगे आने लगी। गाँव के लोग रानी की मेहनत और श्री शर्मा के समर्पण को देखकर उनकी तारीफ करने लगे।

एक दिन, गाँव के सरपंच ने स्कूल का निरीक्षण किया। उन्होंने देखा कि रानी कितनी मेहनत से पढ़ रही है और श्री शर्मा उसे कितने गौर से समझा रहे हैं। सरपंच बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने रानी की शिक्षा के लिए आर्थिक मदद देने का फैसला किया।

रानी की मेहनत और श्री शर्मा के मार्गदर्शन से उसने आगे की पढ़ाई पूरी की और एक डॉक्टर बन गई। वह गाँव में ही अपना अस्पताल खोलकर गरीबों का इलाज करने लगी। श्री शर्मा रानी के लिए हमेशा एक आदर्श बने रहे। उन्होंने कभी भी रानी के साथ भेदभाव नहीं किया और उसे आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया।

रानी की कहानी गाँव में सभी के लिए प्रेरणा बन गई। उसने सबको यह सिखाया कि सम्मान किसी के पद या धन से नहीं, बल्कि उसके ज्ञान और मेहनत से मिलता है। श्री शर्मा ने भी दिखाया कि गुरु का सम्मान करना ही असली शिक्षा है। इस तरह, रानी और श्री शर्मा ने मिलकर गाँव में सम्मान की नींव रखी, जो आने वाली पीढ़ियों को भी रौशन करती रहेगी।