सम्मान की सुगंध | A Story in Hindi with moral

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एक छोटे से गाँव में रघु नाम का एक युवक रहता था। रघु की उम्र कम थी, परन्तु बुद्धि प्रखर थी। वह गाँव के सबसे बुद्धिमान पंडितजी का शिष्य था। रघु विद्या प्राप्ति के साथ ही संस्कारों को भी बराबर सीख रहा था। उनमें सबके प्रति सम्मान का भाव कूट-कूट कर भरा था।

एक दिन गाँव में मेला लगा। मेले में तरह-तरह के लोग आए थे। गहनों की दुकानों पर चहल-पहल थी, खाने-पीने के स्टॉलों पर भीड़ लगी थी। वहीं एक कोने में एक बूढ़ी औरत बैठी थी। उसके सामने कुछ मिट्टी के बर्तन रखे थे। बर्तन साधारण थे, परंतु औरत के चेहरे पर एक अजीब शांति झलकती थी।

रघु बूढ़ी औरत के पास गया। उसने एक बर्तन उठाया और पूछा, “यह कितने का है?”

बूढ़ी औरत ने धीरे से कहा, “पांच रुपये।”

रघु ने हंसते हुए कहा, “इतना महंगा बर्तन? बाजार में तो ऐसे दो बर्तन इसी दाम में मिल जाएंगे।”

बूढ़ी औरत ने मुस्कुराते हुए कहा, “बेटा, मेहनत का मूल्य होता है। ये बर्तन मैंने अपने हाथों से बनाए हैं। इन मिट्टी के कणों में मेरा पसीना, मेरा समय लगा है। इसलिए उनके दाम थोड़े ही अधिक होंगे?”

रघु को बूढ़ी औरत की बातों में सच्चाई दिखी। उसने बर्तन के पांच रुपये दे दिए। औरत ने बर्तन देते हुए कहा, “बेटा, इस बर्तन में सिर्फ मिट्टी नहीं है, इसमें मेहनत का सम्मान भी है। इसे संभाल कर रखना।”

रघु उस बर्तन को लेकर घर गया। उस बर्तन में उसने रोजाना पानी पीना शुरू किया। पानी साधारण ही था, परंतु रघु को उसमें एक अलग ही स्वाद महसूस होता था। वह स्वाद मेहनत के सम्मान का स्वाद था।

कुछ दिनों बाद गाँव में तूफान आया। कई घरों के छप्पर उड़ गए, फसलें खराब हो गईं। गाँव के लोग परेशान हो गए। रघु ने सोचा कि वह किसी तरह उनकी मदद करे। उसने देखा कि बूढ़ी औरत का घर भी टूट चुका था। वह उसके पास गया और बोला, “मैं आपकी मदद करना चाहता हूँ।”

बूढ़ी औरत ने मुस्कुराते हुए कहा, “बेटा, तुम मेरी बहुत बड़ी मदद कर चुके हो। तुमने मेरे बर्तन का सम्मान किया, मेहनत का सम्मान किया। इससे बड़ी मदद और क्या हो सकती है?”

रघु ने बूढ़ी औरत के साथ मिलकर गाँव वालों की मदद की। उन्होंने टूटे हुए घरों को बनाया, खेतों को ठीक किया। गाँव में फिर से खुशहाली लौट आई।

रघु ने सीखा कि सम्मान सिर्फ बड़ों का नहीं, हर किसी का किया जाना चाहिए। मेहनत का सम्मान, काम का सम्मान, हर चीज का सम्मान। यही सम्मान की सुगंध है, जो जीवन को खुशबूदार बनाती है।