हाथी और बकरी की कहानी

हाथी और बकरी की कहानी

एक बार की बात है, एक जंगल में एक हाथी और एक बकरी रहते थे। दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। वे हमेशा एक साथ रहते थे, एक साथ खाते थे, और एक साथ खेलते थे।

एक दिन, हाथी और बकरी जंगल में घूम रहे थे। अचानक, वे एक तालाब के पास आ गए। तालाब के किनारे एक बेर का पेड़ था। बेर के पेड़ को देखकर हाथी और बकरी बहुत खुश हुए।

हाथी ने अपनी सूंड से बेर के पेड़ को हिलाया। इससे ज़मीन पर ढेर सारे पके हुए बेर गिर गए। बकरी जल्दी-जल्दी गिरे हुए बेरों को इक्ठ्ठा करने लगी।

इतने में, एक चिड़िया भी वहां आ गई। चिड़िया ने देखा कि बकरी बेर खा रही है। चिड़िया को बहुत गुस्सा आया। उसने बकरी से कहा, “तुम मेरा बच्चा खा रही हो!”

बकरी ने कहा, “नहीं, मैं तुम्हारा बच्चा नहीं खा रही हूं। मैं बेर खा रही हूं।”

चिड़िया ने कहा, “तुम बेर नहीं खा सकतीं। बेर मेरे बच्चे के लिए हैं।”

बकरी ने कहा, “मैं बेर नहीं खाऊंगी तो मैं क्या खाऊंगी? मुझे भूख लगी है।”

चिड़िया ने कहा, “तुम जाओ और जंगल में कहीं और बेर ढूंढो। मेरे बच्चे के बेर मत खाओ।”

बकरी ने चिड़िया से कहा, “मैं तुम्हारे बच्चे के बेर नहीं खाऊंगी। मैं तुम्हारे बच्चे को भी नहीं खाऊंगी।”

चिड़िया ने कहा, “तो ठीक है। लेकिन अगर तुम मेरे बच्चे को छुओगी तो मैं तुम्हें मार डालूंगी।”

बकरी ने कहा, “मैं तुम्हारे बच्चे को नहीं छूऊंगी। मैं तुमसे दोस्ती करना चाहती हूं।”

चिड़िया ने कहा, “मैं तुम्हारी दोस्त नहीं बन सकती। तुम एक बकरी हो और मैं एक चिड़िया हूं। हम कभी भी दोस्त नहीं बन सकते।”

बकरी ने कहा, “लेकिन हम एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं। हम एक-दूसरे की दोस्ती कर सकते हैं।”

चिड़िया ने कहा, “ठीक है, मैं तुम्हारी दोस्त बनने की कोशिश करूंगी।”

बकरी और चिड़िया दोस्त बन गए। वे एक साथ रहते थे, एक साथ खाते थे, और एक साथ खेलते थे।

एक दिन, जंगल में एक बाघ आया। बाघ ने हाथी, बकरी, और चिड़िया को देखा। बाघ ने कहा, “मैं तुम सबको खाऊंगा।”

हाथी ने कहा, “हम तुमसे नहीं डरते। हम तुम्हारे साथ लड़ेंगे।”

बाघ ने कहा, “तुम मेरे साथ नहीं लड़ सकते। मैं बहुत शक्तिशाली हूं।”

बकरी ने कहा, “हम एक साथ मिलकर लड़ेंगे। हम तुमको हरा देंगे।”

चिड़िया ने कहा, “मैं बाघ को भगा दूंगी।”

बाघ ने हाथी, बकरी, और चिड़िया पर हमला किया। हाथी, बकरी, और चिड़िया ने मिलकर बाघ से लड़ाई की। चिड़िया ने बाघ को भगा दिया।

बाघ जंगल से भाग गया। हाथी, बकरी, और चिड़िया खुश थे। वे एक-दूसरे को गले लगाकर रोने लगे।

हाथी ने कहा, “तुमने मुझे बचाया। तुम मेरी सबसे अच्छी दोस्त हो।”

बकरी ने कहा, “मैं भी तुम्हें बहुत प्यार करती हूं।”

चिड़िया ने कहा, “मैं तुम दोनों के बिना नहीं रह सकती।”

हाथी, बकरी, और चिड़िया हमेशा के लिए दोस्त बन गए। वे एक साथ खुशी-खुशी जंगल में रहने लगे।

शिक्षा:

दोस्ती की कोई सीमा नहीं होती है। चाहे हम अलग-अलग हों, लेकिन अगर हम एक-दूसरे की मदद करते हैं और एक-दूसरे के साथ दोस्ती करते हैं तो हम हमेशा खुश रह सकते हैं।