एक बार की बात है, एक छोटा सा पक्षी था जिसका नाम चिड़िया था। चिड़िया अपने परिवार के साथ उत्तरी ध्रुव के पास एक जंगल में रहती थी। सर्दी आते ही, चिड़िया और उसके परिवार के अन्य सदस्यों को अपने प्रजनन स्थलों के लिए दक्षिण की ओर प्रवास करना पड़ता था।
चिड़िया एक छोटी सी पक्षी थी, और वह अन्य पक्षियों की तुलना में उड़ने में कमजोर थी। वह अक्सर थक जाती थी और उसे लंबी यात्रा करने में कठिनाई होती थी। लेकिन चिड़िया अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ थी। वह अपने परिवार के साथ दक्षिण की यात्रा करने के लिए तैयार थी।
सर्दी शुरू हुई, और चिड़िया और उसके परिवार ने प्रवास करना शुरू कर दिया। शुरुआत में, चिड़िया के लिए उड़ना मुश्किल था। वह अक्सर थक जाती थी और उसे आराम करने की आवश्यकता होती थी। लेकिन चिड़िया हार नहीं मानी। उसने अपने परिवार के साथ रहने के लिए दृढ़ संकल्प किया।
दिनों दिन बीतते गए, और चिड़िया आगे बढ़ती रही। वह थकती थी, लेकिन वह कभी हार नहीं मानती थी। वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ थी।
आखिरकार, चिड़िया अपने प्रजनन स्थलों तक पहुंच गई। वह बहुत खुश थी कि उसने अपनी लंबी यात्रा पूरी कर ली थी। उसने अपने परिवार के साथ मिलकर एक नया घोंसला बनाया, और जल्द ही उसने अंडे दिए।
चिड़िया के बच्चे बड़े हुए, और वे भी प्रवास करने के लिए तैयार हो गए। चिड़िया ने अपने बच्चों को अपनी यात्रा के बारे में बताया, और उन्हें कभी हार न मानने का संदेश दिया।
चिड़िया की कहानी हमें सिखाती है कि कभी हार मत मानो, अपने लक्ष्य का पीछा करो। चाहे आप कितने भी छोटे हों या कमजोर हों, आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं यदि आप दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत करें।
सीख:
- कभी हार मत मानो, अपने लक्ष्य का पीछा करो।
- दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
- अपनी कमजोरियों को पार करके आप अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।