एक बार की बात है, एक जंगल में एक धीमा कछुआ रहता था। वह बहुत धीमी गति से चलता था, और उसे अक्सर अन्य जानवरों द्वारा मजाक उड़ाया जाता था।
एक दिन, एक खरगोश ने कछुए को दौड़ में चुनौती दी। खरगोश बहुत तेज था, और उसने सोचा कि वह कछुए को आसानी से हरा देगा।
दौड़ शुरू हुई, और खरगोश तेजी से आगे निकल गया। कछुआ धीरे-धीरे चलता रहा, लेकिन वह कभी हार नहीं मानता था।
खरगोश ने सोचा कि वह जीत गया है, और उसने आराम करने के लिए रुक गया। लेकिन कछुआ लगातार चलता रहा।
जब खरगोश जाग गया, तो उसने देखा कि कछुआ उससे आगे निकल गया है। कछुआ दौड़ जीत गया था।
खरगोश बहुत हैरान था। उसने कछुए से पूछा, “तुमने कैसे जीत लिया? मैं तो बहुत तेज हूं!”
कछुआ ने कहा, “मैंने कभी हार नहीं मानी। मैं लगातार चलता रहा, और अंत में मैं जीत गया।”
सीख:
- मेहनत और दृढ़ संकल्प सफलता दिलाते हैं।
- चाहे आप कितने भी धीमे हों, आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं यदि आप लगातार मेहनत करते हैं।
- कभी हार मत मानो, अपने सपनों को साकार करने के लिए दृढ़ संकल्पित रहो।
कछुए की कहानी हमें सिखाती है कि मेहनत और दृढ़ संकल्प सफलता की कुंजी है। चाहे आप कितने भी धीमे हों या कमजोर हों, आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं यदि आप लगातार मेहनत करते हैं और कभी हार नहीं मानते हैं।