एक बार की बात है, बिहार के एक छोटे से गांव में एक बहादुर लड़की रहती थी जिसका नाम रानी था। रानी एक मजबूत और स्वतंत्र लड़की थी जो कभी भी डरती नहीं थी। वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहती थी, भले ही उसे खुद के लिए खतरा हो।
एक दिन, रानी अपने गांव के बाजार में खरीदारी कर रही थी। अचानक, वह एक गुंडे को एक छोटे लड़के को धमकाते हुए देखी। गुंडा लड़के से पैसे मांग रहा था, और जब लड़के ने मना कर दिया, तो गुंडा उसे पीटने लगा।
रानी ने गुंडे की हरकतें देखी और उसे गुस्सा आ गया। वह गुंडे के पास गई और उससे कहा, “तुम क्या कर रहे हो? इस लड़के को छोड़ दो!”
गुंडा रानी को देखकर चौंक गया। उसने कहा, “तू कौन है? यह मेरा काम है।”
रानी ने कहा, “यह तुम्हारा काम नहीं है। तुम किसी को भी धमकाना या मारना नहीं सकते।”
गुंडा गुस्से में भर गया और उसने रानी पर हमला कर दिया। रानी ने गुंडे के हमले से बचने के लिए अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन गुंडा बहुत मजबूत था। उसने रानी को पीटना शुरू कर दिया।
रानी लड़खड़ा गई और गिर पड़ी। गुंडा उसे मारने के लिए झुक गया। लेकिन रानी ने हार नहीं मानी। उसने अपना सिर उठाया और गुंडे की आंखों में देखा। उसने कहा, “तुम मुझे मार नहीं सकते। मैं कभी भी तुम्हारे आगे नहीं झुकूंगी।”
गुंडा रानी की हिम्मत देखकर डर गया। उसने रानी को छोड़ दिया और भाग गया।
लड़का रानी के पास आया और उससे धन्यवाद दिया। उसने कहा, “तुमने मेरी जान बचाई।”
रानी ने कहा, “कोई बात नहीं। यह मेरा कर्तव्य था।”
रानी की बहादुरी की खबर पूरे गांव में फैल गई। लोग रानी की तारीफ करने लगे। रानी को अपने गांव की हीरो बन गई।
रानी की कहानी एक प्रेरणा है कि हर किसी में बहादुरी होती है। अगर हम हिम्मत रखें और कभी हार न मानें, तो हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।