दिव्यांग रानी: एक प्रेरणादायक कहानी
एक छोटे से गाँव में रानी नाम की एक दिव्यांग लड़की रहती थी। जन्म से ही उसके पैरों में लकवा था, लेकिन उसके हौसले बुलंद थे। रानी को खेलों का बहुत शौक था। वो क्रिकेट, फुटबॉल, और बैडमिंटन खेलना बहुत पसंद करती थी।
गाँव के लोग रानी को देखकर अक्सर ताना मारते थे। वे कहते थे, “यह लड़की कभी कुछ नहीं कर पाएगी।” लेकिन रानी ने कभी हार नहीं मानी। वो रोज सुबह उठकर अभ्यास करती थी।
एक दिन गाँव में खेल प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। रानी ने भी प्रतियोगिता में भाग लेने का फैसला किया। लोगों ने उसे देखकर हँसी उड़ाई। वे कहते थे, “यह लकवाग्रस्त लड़की कैसे खेल सकती है?”
लेकिन रानी ने अपनी परवाह किए बिना अपना खेल खेला। उसने क्रिकेट में शानदार बल्लेबाजी की और फुटबॉल में गोल दागे। लोगों ने रानी का खेल देखकर दंग रह गए।
रानी ने प्रतियोगिता में कई पुरस्कार जीते। लोगों ने रानी से माफी मांगी और उसकी तारीफ की। वे कहते थे, “रानी तुम सचमुच एक रानी हो।”
रानी ने अपनी कहानी से सभी को प्रेरित किया। उसने दिखाया कि अगर आपके पास हौसला और लगन है तो आप कुछ भी कर सकते हैं।
नैतिकता:
रानी की कहानी हमें सिखाती है कि हर किसी के पास योगदान देने का मौका होता है। चाहे आप दिव्यांग हों या स्वस्थ, आप अपनी प्रतिभा और क्षमता से समाज में बदलाव ला सकते हैं।
रानी की कहानी से हम सीख सकते हैं:
- कभी भी हार न मानें।
- अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखें।
- कड़ी मेहनत और लगन से आप अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।
- आप अपनी प्रतिभा और क्षमता से समाज में बदलाव ला सकते हैं।