एक बार की बात है, एक गाँव में एक पेड़ था जो गाता था। वह एक बहुत ही खूबसूरत पेड़ था, जिसके हरे-भरे पत्ते और सुंदर फूल थे। पेड़ की आवाज बहुत ही मीठी थी, और लोग उसे सुनने के लिए दूर-दूर से आते थे।
एक दिन, एक लड़का पेड़ के पास बैठा हुआ था और उसका गाना सुन रहा था। अचानक, लड़के को पेड़ की आवाज में एक अलग संदेश सुनाई दिया। पेड़ कह रहा था, “लोगों, कृपया प्रकृति की रक्षा करें। हम सभी एक-दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। अगर हम प्रकृति को नुकसान पहुँचाते हैं, तो हम खुद को भी नुकसान पहुँचा रहे हैं।”
लड़का पेड़ की बातें सुनकर बहुत चकित हुआ। उसने कभी नहीं सोचा था कि एक पेड़ भी गा सकता है, और इतनी खूबसूरत आवाज में भी। उसने पेड़ से पूछा, “तुम यह बात क्यों कह रही हो?”
पेड़ ने कहा, “क्योंकि मैं देख रहा हूँ कि लोग प्रकृति को कैसे नुकसान पहुँचा रहे हैं। वे पेड़ों को काट रहे हैं, नदियों को प्रदूषित कर रहे हैं, और जानवरों को मार रहे हैं। अगर हम ऐसा करते रहे, तो बहुत जल्द प्रकृति नष्ट हो जाएगी।”
लड़का पेड़ की बातों से बहुत प्रभावित हुआ। उसने फैसला किया कि वह प्रकृति की रक्षा के लिए कुछ करेगा। उसने अपने दोस्तों और परिवार को भी प्रकृति के बारे में जागरूक किया।
लड़के के प्रयासों से लोगों को प्रकृति की रक्षा की अहमियत समझ में आई। उन्होंने पेड़ों को काटना बंद कर दिया, नदियों को प्रदूषित करना बंद कर दिया, और जानवरों को मारना बंद कर दिया।
प्रकृति की रक्षा में लड़के का योगदान बहुत सराहनीय था। वह एक उदाहरण बन गया कि कैसे हम सभी मिलकर प्रकृति की रक्षा कर सकते हैं।
सीख: प्रकृति की आवाज सुनें और उसकी रक्षा करें। प्रकृति हमारी जीवनदायिनी है, और हमें उसका सम्मान करना चाहिए।