एक पहाड़ी शहर और बादल

एक पहाड़ी शहर और बादल

एक बार की बात है, एक छोटा सा पहाड़ी शहर था। शहर बहुत ही खूबसूरत था। शहर के चारों ओर घने जंगल थे और नदियों बहती थीं। शहर के लोग बहुत खुश थे। वे प्रकृति से बहुत प्यार करते थे।

एक दिन, शहर में बहुत बारिश होने लगी। बारिश लगातार होती रही। शहर के लोग परेशान हो गए। बारिश के कारण शहर की सड़कें भर गईं। लोगों के घरों में पानी भर गया। फसलों को नुकसान हुआ।

शहर के लोगों ने फैसला किया कि वे बारिश को रोकने के लिए कुछ करेंगे। उन्होंने एक बैठक बुलाई और इस समस्या पर चर्चा की।

बैठक में एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा, “हमारे शहर के पास एक पहाड़ है। उस पहाड़ पर बादल रहते हैं। अगर हम बादलों से दोस्ती कर लें, तो वे बारिश को रोक सकते हैं।”

लोगों ने बुजुर्ग व्यक्ति की बात मानी। उन्होंने एक दल बनाया और पहाड़ पर चढ़ने लगे।

पहाड़ पर पहुंचने पर, लोगों ने बादलों से दोस्ती करने के लिए एक योजना बनाई। उन्होंने बादलों को फूल और मिठाइयां दीं। उन्होंने बादलों को कहा कि वे शहर के लोगों से प्यार करते हैं और वे उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते हैं।

बादलों को लोगों की बातें सुनकर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने लोगों से दोस्ती करने का फैसला किया। उन्होंने वादा किया कि वे शहर में बारिश नहीं करेंगे।

बादलों की दोस्ती से शहर के लोगों को बहुत राहत मिली। बारिश बंद हो गई। शहर की सड़कें सूख गईं। लोगों के घरों में पानी निकल गया। फसलों को नुकसान नहीं हुआ।

लोगों ने बादलों को बहुत धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “आपने हमारी मदद की है। हम आपको कभी नहीं भूलेंगे।”

बादलों ने भी लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “हम भी आपसे प्यार करते हैं। हम हमेशा आपकी मदद करेंगे।”

नैतिकता:

  • हमें प्रकृति के साथ सहअस्तित्व का महत्व समझना चाहिए।
  • हमें प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।
  • हमें प्रकृति से प्यार करना चाहिए।

यह कहानी हमें सिखाती है कि प्रकृति के साथ सहअस्तित्व का महत्व है। हमें प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए और हमें प्रकृति से प्यार करना चाहिए।