एक बार की बात है, बिहार के पटना शहर में एक गरीब परिवार में एक लड़की का जन्म हुआ। लड़की का नाम रीमा था। रीमा के माता-पिता बहुत गरीब थे। वे एक छोटे से झोपड़े में रहते थे और किसी तरह अपना जीवन यापन करते थे। रीमा के माता-पिता जब वह बहुत छोटी थी, तभी उसकी मृत्यु हो गई। रीमा अब एक अनाथ थी।
रीमा को उसके चाचा-चाची ने पाल लिया। चाचा-चाची भी बहुत गरीब थे। वे रीमा को पढ़ा नहीं सकते थे। रीमा को घर के कामों में मदद करनी पड़ती थी।
एक दिन, रीमा की मुलाकात एक स्कूल की प्रिंसिपल से हुई। प्रिंसिपल को रीमा की प्रतिभा और लगन से प्रभावित हुए। उन्होंने रीमा को अपने स्कूल में दाखिला दिलाया।
रीमा बहुत मेहनती थी। वह पढ़ाई में बहुत तेज थी। वह स्कूल में अव्वल आती थी। उसकी प्रिंसिपल बहुत खुश थी।
रीमा ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। वह एक दिन डॉक्टर बनने का सपना देखती थी। वह जानती थी कि डॉक्टर बनने के लिए उसे बहुत पढ़ाई करनी होगी।
रीमा ने मेहनत से पढ़ाई की। उसने कई मेडल और पुरस्कार जीते। उसने मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया।
रीमा ने मेडिकल की पढ़ाई पूरी की। वह एक डॉक्टर बन गई। वह एक बहुत अच्छी डॉक्टर बनी। उसने कई लोगों की जान बचाई।
रीमा की कहानी एक प्रेरणादायक कहानी है। यह कहानी हमें बताती है कि ज्ञान ही असली शक्ति है। शिक्षा से हम अपनी किस्मत बदल सकते हैं।
शिक्षा से मिले ज्ञान ने रीमा की किस्मत बदल दी। वह एक अनाथ लड़की से एक सफल डॉक्टर बन गई।
रीमा की कहानी हमें यह भी सिखाती है कि अगर हम मेहनत करें और अपने सपनों को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हों तो हम कुछ भी हासिल कर सकते हैं।