A Honesty Story in Hindi | खेत का हीरा

खेत का हीरा

गाँव के खेतों में छोटू काम करता था. वह गरीब था, पर हर काम को ईमानदारी से करता था. एक शाम को खेत खोदते हुए उसे चमकती चीज़ दिखी. खोदकर निकाला तो वो एक सुंदर हीरा था. उसकी आँखें चौंधिया गईं. इतना बड़ा हीरा उसने कभी नहीं देखा था!

रात भर छोटू को नींद नहीं आई. दिमाग में एक ही सवाल घूमता रहा – क्या करें? हीरा बेच दे तो बरसों की मुसीबत दूर हो जाएगी, पर ये किसका होगा? गाँव वालों को पता चला तो झगड़ा होगा. छोटू सोचता रहा, फिर सुबह होते ही उसने बड़े चौधरी के पास जाने का फैसला किया.

चौधरी के पास हीरा लेकर छोटू गया. उसने सारी कहानी सच सच बता दी. चौधरी चौंक गया, पर छोटू की ईमानदारी देखकर मुस्कुराया. उसने तारीफ करते हुए कहा, “छोटू, तूने ईमानदारी दिखाकर असली हीरा खोदा है. यह हीरा कीमत से नहीं, कर्म से बड़ा है.”

चौधरी ने हीरा सरकारी खजाने में जमा कराया और छोटू को ईमानदारी का इनाम दिया. छोटू को लगा जैसे खुदा ने उसका कर्म देखा है. खेत तो वही थे, पर अब वहाँ छोटू की मेहनत में एक नया जोश भर गया था.

कुछ दिनों बाद सरकार ने गाँव के विकास के लिए धन दिया. सबको पता चला कि ये उसी हीरे की वजह से हुआ है. लोग छोटू की ईमानदारी की कद्र करने लगे. चौधरी ने उसकी बेटी की पढ़ाई का ज़िम्मा ले लिया. गाँव में नया स्कूल बना, पक्की सड़कें बनीं.

हीरा तो खजाने में था, पर असल चमक छोटू की ईमानदारी से फैली थी. उसने सिर्फ एक हीरा लौटाया नहीं, बल्कि पूरे गाँव की किस्मत बदल दी. उसकी ईमानदारी की चर्चा आसपास के गाँवों तक फैल गई. छोटू एक गरीब किसान से इमानदारी के हीरे बन गया.

ये कहानी है ईमानदारी की, जो शायद जेब नहीं भरती, पर दिल को सोना जरूर कर देती है. ये कहानी बताती है कि असली कीमत ईमान की होती है, जो जीवन में असली चमक लाती है.