एक बार की बात है, एक छोटा सा गांव था। गांव के एक किनारे पर एक पुराना घर था। उस घर में एक भूत रहता था। भूत का नाम था “काली”। काली एक बहुत ही दुष्ट भूत था। वह लोगों को डराता था और उन्हें नुकसान पहुंचाता था।
एक दिन, गांव में एक नया परिवार आया। परिवार में एक पिता, एक माता और एक बेटा था। बेटे का नाम था “राजू”। राजू एक बहुत ही साहसी लड़का था। उसे भूतों से नहीं डर लगता था।
एक रात, राजू अपने कमरे में सो रहा था। अचानक, उसे एक आवाज सुनाई दी। आवाज ने कहा, “राजू, मैं तुम्हारे कमरे में आया हूं।”
राजू ने नींद से जागकर देखा कि उसके कमरे में एक भूत खड़ा है। भूत ने कहा, “मैं तुम्हें मारने जा रहा हूं।”
राजू ने कहा, “तुम मुझे नहीं मार सकते। मैं तुम्हारे डरता नहीं हूं।”
भूत ने कहा, “तुम नहीं जानते कि मैं कितना शक्तिशाली हूं।”
राजू ने कहा, “मैं तुम्हारे शक्ति से डरता नहीं हूं। मैं तुम्हारे सामने खड़ा हूं।”
भूत ने राजू पर हमला किया। राजू ने भूत को रोकने की कोशिश की। दोनों में लड़ाई हुई। अंत में, राजू ने भूत को हरा दिया।
भूत ने राजू से कहा, “तुमने मुझे हराया है। मैं अब तुम्हारे गांव से चला जाऊंगा।”
भूत गांव से चला गया। उसके बाद, गांव में कभी भी कोई भूत दिखाई नहीं दिया।
राजू एक नायक बन गया। उसे गांव के लोग बहुत प्यार करते थे।
नैतिक
साहस से कोई भी चीज जीती जा सकती है।