आंचल की छाया
गाँव के नुक्कड़ पर एक बरगद का पेड़ हुआ करता था. उसकी विशाल छाया में दिन ढलते ही एक चाय की लगी लगती थी. चाय तो सिर्फ बहाना थी, असल में तो दिलों का मिलाप होता था वहाँ. एक दिन बरगद के नीचे चाय की प्यालियों के बीच बैठी थी लक्ष्मी. उसकी आँखों में उदासी […]