एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में चिंटू नाम का एक लड़का रहता था। चिंटू बहुत ही जिज्ञासु था और हमेशा कुछ नया सीखने के लिए उत्सुक रहता था। एक दिन, वह अपने घर के पीछे बगीचे में खेल रहा था, जब उसने एक छोटे से पीले रंग के पक्षी को देखा। पक्षी पेड़ की एक टहनी पर बैठा था और चिंटू की ओर चहक रहा था।
चिंटू को यह पक्षी बहुत ही प्यारा लगा। उसने धीरे-धीरे पक्षी के पास जाने की कोशिश की, लेकिन पक्षी उड़ गया। चिंटू निराश नहीं हुआ। वह हर रोज बगीचे में जाता और पक्षी को देखने की कोशिश करता। धीरे-धीरे, वह पक्षी से दोस्ती करने लगा। वह पक्षी के लिए रोज़ाना बीज लाता और उसे पेड़ के नीचे डाल देता। पक्षी भी चिंटू से दोस्ती करने लगा। वह चिंटू के पास आता और उसके हाथों से बीज खाता।
एक दिन, चिंटू ने देखा कि पक्षी का पैर घायल हो गया है। चिंटू को पक्षी की बहुत चिंता हुई। उसने अपनी मम्मी को बुलाया और पक्षी को दिखाया। चिंटू की मम्मी ने पक्षी का पैर साफ किया और उस पर दवा लगाई। कुछ दिनों में पक्षी का पैर ठीक हो गया।
पक्षी के ठीक होने के बाद भी चिंटू और पक्षी की दोस्ती बनी रही। वे हर रोज मिलते और साथ खेलते। चिंटू ने पक्षी का नाम चिउ-चिउ रख दिया था। चिउ-चिउ चिंटू को गाना भी सिखाता था। चिंटू चिउ-चिउ के गीतों को सुनकर बहुत खुश होता था।
एक दिन, चिंटू को पता चला कि चिउ-चिउ जल्द ही अपने झुंड के साथ चले जाएगा। चिंटू को चिउ-चिउ के जाने का बहुत दुख हुआ, लेकिन वह जानता था कि चिउ-चिउ को अपने झुंड के साथ रहना चाहिए। उसने चिउ-चिउ को विदाई दी और उससे वादा किया कि वह उससे कभी नहीं भूलेगा।
चिउ-चिउ भी चिंटू से बिछड़कर दुखी था। उसने चिंटू को गले लगाया और फिर उड़ गया। चिंटू चिउ-चिउ को जाता हुआ देखता रहा, जब तक वह उसकी नजरों से ओझल नहीं हो गया।
हालांकि चिंटू को चिउ-चिउ के जाने का दुख था, लेकिन वह जानता था कि उनकी दोस्ती हमेशा उसके दिल में रहेगी। वह हर रोज बगीचे में जाता और चिउ-चिउ के बारे में सोचता। वह जानता था कि एक दिन वे फिर मिलेंगे।
यह कहानी हमें सिखाती है कि दोस्ती बहुत ही खास होती है। दोस्त हमारे जीवन में खुशियाँ लाते हैं और हमें कभी अकेला नहीं महसूस होने देते। हमें अपने दोस्तों की हमेशा कद्र करनी चाहिए और उनकी खुशियों का ध्यान रखना चाहिए।
मुझे उम्मीद है कि आपको यह कहानी पसंद आई होगी!